जब हम Stock Market में ट्रेडिंग करते है तब हमें वॉल्यूम यह शब्द बहुत बार सुनने मिलता है| तब यह सवाल हर बार आता है की Stock Market में Volume का क्या मतलब होता है? और यह मार्केट में क्या प्रभाव करता है, यह आज हम इस लेख में जानेंगे|
वॉल्यूम यह Stock Market में बहुत जरूरी भूमिका निभाता है क्यूंकि यह हमें बाजार की दिशा की पुष्टि करने में मदत करता है| मार्केट में ट्रेडर, मार्केट के बारे में क्या सोच रहे है यह जानने में Volume बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है|
Stock Market में volume का क्या मतलब होता है?
जब आप किसी शेयर में ट्रेड करते है, तो बहुत से ऐसे इंडिकेटर है लेकिन सबमे अगर सबसे अच्छी तरह से कार्य करता है तो वह है वॉल्यूम इंडिकेटर, यह संकेत देते है की किसी एक समय में कितने स्टॉक्स ख़रीदे और बेंचे गए है | कोई स्टॉक में जितनी ज्यादा उथल-पुथल होगी, उसका वॉल्यूम उतना ही ज्यादा होगा |
उदाहरण के लिए हम रिलायंस के 100 स्टॉक्स 2500 पर खरीदने का फैसला करते है, और आप रिलायंस के 100 स्टॉक्स 2500 के भाव पर बेचने का निर्णय लेते है|
यहाँ देखा जाये तो कीमत और वॉल्यूम मैच होते है, जिसके परिणाम स्वरुप एक व्यापार होता है | जिसमे आपने और हमने मिलकर 100 स्टॉक्स का Volume बनाया है|
यहाँ एक कुछ ट्रेडर यह समजने की गलती करते है की वॉल्यूम काउंट को 200 (100 ख़रीदे + 100 बेंचे ) समज लेते है, जो वॉल्यूम को देखने का सही तरीका नहीं है| हमने निचे कुछ निम्नलिखित उदाहरण से समझाने का प्रयास किया है की वॉल्यूम कैसे कार्य करता है|
Sr. No. | Time | खरीदी संख्या | बिक्री संख्या | कीमत | वॉल्यूम | बढ़ता कुल वॉल्यूम |
1 | 9.15 AM | 500 | 500 | 100 | 500 | 500 |
2 | 10.15 AM | 350 | 350 | 105 | 350 | 850 |
3 | 11.15 AM | 400 | 400 | 107 | 400 | 1250 |
4 | 12.15 PM | 150 | 150 | 103 | 150 | 1400 |
5 | 1.15 PM | 650 | 650 | 110 | 650 | 2050 |
6 | 2.15 PM | 450 | 450 | 112.30 | 450 | 2500 |
7 | 3.15 PM | 800 | 800 | 115.75 | 800 | 3300 |
Stock Market में Volume कितने प्रकार के होते है?
Stock Market में दो तरह के Volume होते है |
- Delivery volume
- Traded Volume
Delivery volume
Delivery Volume एक विशिष्ट स्टॉक्स की संख्या को दर्शाता है जो आज मार्केट में बेचे या ख़रीदे गए है जो एक Demat Account से दूसरे Demat Account में ट्रांसफर किये गए है| डिलीवरी किये गए स्टॉक्स को T+2 दिन में डीमैट खाते में क्रेडिट या डेबिट किया जाता है|
उदाहरण से समजे तो “A” मार्केट में 1000 शेयर बेचता है जिसे “B” मार्केट से खरीदता है और आगे “C” को बेच देता है|
यहाँ अगर आप देखे तो इस प्रक्रिया में टोटल वॉल्यूम 3000 हुआ लेकिन अगर यहाँ “C” द्वारा ख़रीदे हुए शेयर अगर वह बेचता नहीं और उसकी डिलीवरी ले लेता है तो टोटल Delivery Volume 1000 ही कह सकते है|
Delivery वॉल्यूम को टोटल वॉल्यूम और इंट्राडे वॉल्यूम को घटाकर प्राप्त किया जाता है, अगर यह आपको हर बार बढ़ता दिखे इसका मतलब है की निवेशकों की इसमें ज्यादा रूचि है|
और अगर आप लंबे वक्त के लिए निवेश करना चाहते है तो आपको शेयर के डिलीवरी वॉल्यूम की बढ़त और नजर रखना है, क्यूंकि लंबी अवधि में यह शेयर की मजबूती को दर्शाता है|
Traded Volume
Traded वॉल्यूम दिनभर में ट्रेड करने वाले स्टॉक्स की संख्या को दर्शाता है, यह स्टॉक्स के डिमांड और सप्लाई को दर्शाता है|
कम ट्रेडेड वॉल्यूम वाले स्टॉक्स को इलिक्विड स्टॉक्स कहा जाता है, जब किसी स्टॉक में ट्रेड वॉल्यूम काम होता है तो स्टॉक खरीदने और बेचने वालो में अंतर ज्यादा होता जिस कारण स्टॉक में ट्रेड होने में मुश्किल बढ़ जाती है|
जिस कारण से स्टॉक में इल्लिक्विडीटी होने से इसे खरीदना और बेचना मुश्किल हो जाता है, इसलिए स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करते वक्त किसी भी स्टॉक का Traded वॉल्यूम देखे और काम ट्रेडिंग वॉल्यूम वाले शेयरों में ट्रेडिंग करने से बचे|
Stock Market में Volume का महत्त्व (Important of Volume in Stock Market)
- किसी भी Stock का मुख्य उद्देश्य वॉल्यूम है, यह Stock के ट्रेडिंग गतिविधियों में रूचि को दर्शाता है | किसी स्टॉक में ज्यादा वॉल्यूम ज्यादा लिक्विड होते है और उसके विपरीत कम वॉल्यूम वाले स्टॉक में ट्रेड करना सुरक्षित नहीं है|
- Trading Volume के मदत से किसी Stock के ट्रैंड का पता लगता है, अगर कोई स्टॉक में वॉल्यूम के साथ भाव बढ़ रहा है इसका मतलब स्टॉक बुलिश है और अगर उसके उलट वॉल्यूम बढ़ रहा है और स्टॉक का भाव गिर रहा हो तो स्टॉक लॉन्ग टर्म के लिए बेयरिश होने के संकेत देते है|
- Trading Volume को देख कर लंबे वक्त तक निवेश करने वाले निवेशकों को इन्वेस्टमेंट करने में मदत मिलती है, साथ ही ट्रेड करने के लिए Tecnical Analysis में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है|
Stock Market में किसी Stock का Volume कैसे Check करे?
अगर किसी स्टॉक का वॉल्यूम के लिए आप अपने Broker के वेबसाइट पर जाकर चार्ट में देख सकते है, साथ ही अगर आप चाहे तो NSE की Website पर आप Search में जाकर किसी भी स्टॉक का नाम डालकर उस स्टॉक का वॉल्यूम देख सकते है|
Website में जाकर आप किसी भी स्टॉक को सर्च कर सकते है Market Depth में जाकर स्टॉक के पुरे दिन भर हुए ट्रेडिंग वॉल्यूम को देख सकते है|
निष्कर्ष
आज हमने इस लेख में आपको Stock Market में Volume का क्या मतलब होता है? इसके बारे में बताया की मार्केट में वॉल्यूम कितना महत्वपूर्ण इंडिकेटर है, अगर आप वॉल्यूम का उपयोग इन्वेस्टमेंट करने के साथ ट्रेडिंग करेंगे आपको बहुत लाभ हो सकता है|
Volume कोई सटीक जानकारी नहीं देता लेकिन अगर आप volume को सपोर्ट और रेसिस्टेन्स लेवल के साथ जोड़कर देखेंगे तो आपको स्पष्ट जानकारी प्राप्त हो सकती है|
वॉल्यूम एनालिसिस कोई सफल स्ट्रॅटजी नहीं है, बल्कि यह एक अरिरिक्त जानकारी प्रदान करता है, लेकिन अगर आप ट्रेड करते वक्त इस इंडिकेटर का उपयोग करेंगे तो आपको स्टॉक के ट्रेड और पैटर्न का पता लगा सकते है|
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FAQ.
क्या BSE और NSE पर वॉल्यूम एक समान दिखता है?
जी नहीं BSE और NSE दोनों अलग एक्सचेंज है | दोनों जगह ट्रेडिंग वॉल्यूम भी अलग होते है | इसी कारण से एक ही स्टॉक का भाव में दोनों एक्सचेंज पर अलग अलग होता है|
Relative Volume किसे कहते है, और इसका महत्त्व क्या है?
Relative Volume नार्मल वॉल्यूम और करंट वॉल्यूम को को जोड़कर उसके मल्टिपल रूप में दिखता है| साथ ही अगर किसी स्टॉक में Relative Volume ज्यादा होगी उस स्टॉक में बढ़ने की सम्भावना को बढ़ाता है और उसमे Volatility भी ज्यादा होगी|
स्टॉक में High Volume और Low Volume का क्या महत्त्व है?
किसी भी स्टॉक वॉल्यूम हाई होना स्मार्ट मनी की उपस्थिति दर्शाता है और वॉल्यूम का Low होना Retail भागीदारी का संकेत दर्शाता है|
Volume का फार्मूला क्या है?
Volume का फार्मूला है, Volume = Total Number Of Share
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