आज कल टीवी और वित्तीय समाचार पत्रों पर आपको Bull market और Bear market के बारें में बार-बार सुनने को मिलता होगा| तो यह सवाल हमेशा निवेशकों दिमाग में आता है की यह क्या है? और कैसे यह उनके द्वारा किये स्टॉक मार्केट में निवेश पर असर डालते है|
आज इस पोस्ट में हम यह समझने की कोशिश करेंगे की कैसे स्टॉक मार्केट में यह Bull और Bear शब्द का उपयोग होता है और कैसे यह निवेशक के पोर्टफोलियो पर अपना असर डालता है|
क्या है यह Bull market और Bear market?
Bull market यह स्टॉक मार्केट में ऐसा समय होता है जहाँ पर संभावना होती है की शेयर की कीमत में उछाल होगा और निवेशक अधिक लाभ कमा सकते है|
इसमें शेयर मार्केट में बिक्री से ज्यादा खरीदारी होती है और शेयरों की कीमतों में तेजी देखने को मिलती है|
दूसरी और Bear market एक मार्केट का ऐसा समय होता है जहाँ संभावना होती है की शेयरों की कीमतों में गिरावट ज्यादा होगी और निवेशकों को कम लाभ होगा| यह समय में ज्यादा तेज और सक्रीय बिकवाली होती है और शेयरों के कीमतों में तेजी से गिरावट आती है|
यह दोनों एक दूसरे से विपरीत होते है और इनकी चाल विभिन्न अर्थव्यवस्था के आधार पर होती है | Bull market एक सक्रीय अर्थव्यवस्था के संकेत होते है, जबकि Bear market अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत होते है|
तो आगे समझते है की एक निवेशक के नजरिये से यह कितना महत्वपूर्ण है और निवेशकों ने इन समय में कैसे अपने निवेश को आगे बढ़ाना चाहिए|
Bull market
Bull market स्टॉक मार्केट की वित्तीय जगत में एक ऐसी स्थिति का वर्णन करने के लिए उपयोग किया जाता है जिसमे स्टॉक मार्केट में शेयर्स की कीमतें बढ़ रही है, और निवेशक मार्केट के भविष्य के प्रदर्शन को लेकर काफी आशावादी है|
मार्केट में तेजी के दौरान, निवेशकों का विश्वास ऊँचा होता है और मार्केट के संकेत बताते है की यह प्रवृति जारी रहेगी|
Bull market आमतौर पर देश का आर्थिक विकास, कम बेरोजगारी और उच्च उपभोक्ता विश्वास की अवधि के दौरान उत्पन्न होते है| ऐसे समय में कंपनियों में ज्यादा विकास हो रहा होता है और उनके शेयरों की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही होती है|
यह सकारात्मक प्रतिक्रिया का एक चक्र बनता है जहाँ निवेशक अर्थव्यवस्था के बारे में अधिक आशावादी हो जाते है|
तेजी के मार्केट में, निवेशक जोखिम लेने और शेयरों में निवेश करने के लिए अधिक इच्छुक होते है | यह एक स्व-पूर्ति भविष्यवाणी बना सकता है|
जहाँ शेयरों की बढ़ती मांग शेयरों की कीमतों को उच्च स्तर तक लेकर जाती है, जिसके कारण अधिक निवेशकों को आकर्षित करती है, जैसे-जैसे आर्थिक निवेशक मार्केट में खरीदारी करते है मार्केट में तेजी जारी रहती है | जिस कारण एक Bull फ़ैज़ बनता है|
Bear market
Bear market वित्तीय मार्केट की स्थिति है जहाँ स्टॉक मार्केट में शेयर्स की कीमते गिर रही होती है | आम तौर पर यह अपने उच्च स्तर से 20 से 25 प्रतिशक से अधिक होता है|
यह मार्केट की निचे की और गिरने की प्रवृति महीनों और वर्षो तक रह सकती है, यह निवेशकों के बिच में निराशावाद, आर्थिक मंदी और कम उपभोक्ता मांग के कारण होता है|
कई बार मार्केट Index से हमें स्टॉक मार्केट में मंदी की पहचान हो जाती है, जैसे की अगर देश का सबसे बड़ा इंडेक्स Nifty 50 जो पुरे देश सबसे बड़ी 50 कंपनियों के शेयरों की कीमतों को ट्रैक करता है अपने हाल के उच्च स्तर से 25 प्रतिशक या उससे अधिक गिर जाता है तो इसे मंदी का मार्केट माना जाता है|
आर्थिक मंदी, राजनितिक अस्थिरता, राजनीतिक तनाव, प्राकृतिक आपदा जैसे कई कारकों से Bear market को ट्रिगर किया जा सकता है, आर्थिक मंदी का सबसे ज्यादा प्रभाव शेयर मार्केट पर होता है, जिससे व्यापक घबराहट और बिकवाली हो सकती है|
Bull market और Bear market में निवेशकों को कैसे निवेश करना चाहिए?
Bull market और Bear market में निवेश करना निवेशकों के लिए एक आकर्षक अवसर हो सकता है| निवेश की सही रणनीति ही सफलता की कुंजी है जो Bull और Bear market की स्थितियों के अनुरूप होती है| Bull और Bear market में निवेश करते समय विचार करने योग्य कुछ मानदंड दिए गए है|
अपने निवेश लक्ष्य और जोखिम के क्षमता को समझे
Bull और Bear market के वक्त में निवेश करने से पहले, अपने निवेश लक्ष्यों और जोखिमों सहनशीलता को निर्धारित करना महत्वपूर्ण है, इससे आपको सही शेयर और निवेश का चयन करने में मदत मिलेगी जो आपको वित्तीय उदेश्यो और व्यक्तिगत जरूरतों से मेल खाता है|
अगर आप लम्बी अवधि के धन का निर्माण करना चाहते है, तो आप स्थिर वृद्धि और अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले Bluechip शेयरों में निवेश कर सकते है और अगर आप अधिक जोखिम लेने में सहज है, तो आप मार्केट में उभरते उद्योग या उच्च विकास वाले प्रौद्योगिक कंपनियों में निवेश कर सकते है|
Fundamentally मजबूत शेयरों का चयन करें |
निवेशकों को ऐसी शेयरों का चयन करना चाहिए जिनमे Ravanue और Profit में वृद्धि, एक अच्छा Cashflow और मजबूत Balancesheet के साथ एक अच्छा Management हों| साथ ही एक मजबूत मार्केट स्थिति और ऐसे क्षेत्र जिनमे प्रतिस्पर्धा कम हों|
साथ ही शेयरों के वैल्यू मैट्रिक्स पर भी ध्यान रखे, जैसे PE रेश्यो, Price to book value, रेश्यो से आप किसी कंपनी का मूल्यांकन कर सकते है जिससे एक अच्छा निवेश अवसर मिल सकता है|
पोर्टफोलियो को Diversify रखे
विभिन्न प्रकार के संपत्तियों और शेयरों में निवेश करने से जोखिम को कम करने और गिरावट में नुक्सान को कम करने में मदत मिल सकती है|
Diversify पोर्टफोलियो में विभिन्न क्षेत्रो, उद्योगों और भौगोलिक क्षेत्रो में निवेश करना शामिल है, जो आपके निवेश के जोखिमों को कम करने में मदत करता है|
निवेशक चाहे तो Exchange traded fund (ETF) या Mutual fund में निवेश करके अपने पोर्टफोलियो को Diversify कर सकता है जो मार्केट इंडेक्स और विविध क्षेत्र को ट्रैक करते है|
Growth शेयरों पर ध्यान रखें
Bull और Bear market में निवेशकों को Growth शेयरों पर ध्यान देना चाहिए, जो ऐसी कम्पनियाँ है जिनसे Ravanue और Profit में वृद्धि होने को उम्मीद है|
इन शेयरों की कीमते अन्य शेयरों को तुलना में अधिक हो सकती है लेकिन उनकी विकास की क्षमता शेयरों की कीमतों को सही ठहराता है|
Growth शेयर्स काफी अलग-अलग क्षेत्रो में पाए जा सकते है, जिनमे टेक्नोलॉजी, स्वास्थ सेवा, कंस्यूमर प्रोडक्ट कंपनियां शामिल है|
उन कंपनियों की तलाश करें जो पारंपरिक उद्योगों को प्रतिस्पर्धा दे रही हो या उनके पास एक अद्वितीय प्रतिस्पर्धात्मक लाभ है जो उन्हें दीर्घकालीन सफलता के लिए रखता है|
मार्केट पर नज़र रखें और पोर्टफोलियो में बदलाव करते रहे
Bull market और Bear market के दौरान निवेशकों को निरंतर अपने पोर्टफोलियो पर निगरानी रखनी चाहिए और वक्त रहते उनमे बदलाव करते रहना चाहिए, साथ ही निवेशकों को मार्केट के रुझानों, आर्थिक संकेतो और राजनितिक घटनाओ के बारे में अवगत रहना चाहिए जो मार्केट को प्रभावित करते है|
हमेशा यह सुनिश्चित करने के लिए समय -समय पर अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करना महत्वपूर्ण है की यह आपके निवेश लक्ष्यों और जोखिमों सहनशीलता के आधार अनुरूप बन रहा है और अगर कोई शेयर ख़राब प्रदर्शन कर रहा है तो इनमे बदलाव करे|
शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग रणनीतियाँ अपनाएं
मार्केट में लम्बी अवधि के निवेश के अलावा, निवेशक Bull और Bear market में शार्ट टर्म ट्रेडिंग रणनीतियों पर भी विचार करना चाहिए|
उदाहरण के लिए Momentum trading में उन शेयरो को खरीदना शामिल है, जिमे काफी वोलैटिलिटी रही हो और Swing trading के माध्यम से लाभ कमाना चाहिए|
Swing trading में अल्पकालीन कीमतों में हो रही Volatility से कुछ दिनों या हप्तों के लिए शेयर खरीदना और उन्हें बेचना शामिल है, ऐसे रणनीतियों के लिए उच्च जोखिम और मार्केट के ज्ञान की आवश्यकता होती है लेकिन यह Bull और Bear market में उच्च रिटर्न देते है|
Bull market और Bear market निवेशकों पर क्या प्रभाव डालते है?
Bull और Bear market दोनों ही निवेशकों पर प्रभाव डालते है, लेकिन दोनों के प्रकार अलग-अलग होते है|
Bull market में शयरों की कीमतों में बढ़ोतरी होती है और निवेशक ज्यादा Optimism हो जाते है | ऐसे मार्केट में निवेशक अति उत्तेजित होते है इसलिए वह अधिक से अधिक निवेश करने की कोशिश करते है जिस कारण से मार्केट में निवेशकों का निवेशीकरण बढ़ जाता है|
उसके विपरीत Bear market में शेयरों की कीमतें गिराने से निवेशकों में Pessimism बढ़ता है और वह चिंता का अनुभव करते है, इसलिए वह निवेश करना कम कर देते है और अधिक सुरक्षा की तलाश में रहते है जहाँ उनका निवेश सुरक्षित रहें|
Bull और Bear market शेयरों की कीमतों के साथ निवेशकों के पोर्टफोलियो पर भी प्रभाव डालता है | क्यूंकि Bull market में निवेशकों के पोर्टफोलियो मैं शेयरों में वृद्धि होती है इसलिए उनके पोर्टफोलियो का Networth बढ़ जाता है और निवेश अवसरों में वृद्धि होती है|
Bear market में शैयर की कीमतों में हो रही गिरावट के कारण निवेशकों के पोर्टफोलियो में नुकसान होता है ऐसी परिस्थिति में निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो से लेकर सावधान रहना चाहिए | यहाँ निवेशकों को कम रिस्क वाले निवेश की सलाह दी जाती है|
इस तरह से Bull market और Bear market का निवेशकों के लिए प्रभाव अलग-अलग होते है,और निवेशकों को समझना चाहिए की यह उनके पोर्टफोलियो की वृद्धि के लिए कितना महत्वपूर्ण है, साथ ही निवेशकों को अपने निवेश करने के प्रकार को ध्यान में रखना चाहिए और एक सही और सुरक्षित निवेश करने का प्रयास करना चाहिए|
FAQ.
क्या निवेशक Bull और Bear दोनों मार्केट स्थिति में पैसा बना सकते है?
हाँ, निवेशक Bull और Bear दोनों मार्केट स्थिति में पैसा बना सकते है | Bull market में निवेशक शेयरो को जल्दी खरीद सकते है और बाद में उन्हें ज्यादा कीमत बढ़ने पर बेच सकते है| Bear market में, निवेशक शेयरों को पहले बेच कर फिर कीमत गिरने पर खरीद सकते है या कुछ रक्षात्मक शेयरों में निवेश कर सकते है जो मार्केट के गिरावट से कम प्रभावित होते है|
क्या निवेशकों को Bull और Bear मार्केट में अपनी निवेश रणनीति बदलनी चाहिए?
निवेशकों को हमेशा एक लंबी अवधि की निवेश रणनीति बनानी चाहिए जो केवल मौजूदा मार्केट स्थितियों पर आधारित न हो| Bull market के दौरान निवेशक अपने शेयरों पर मुनाफा लेने या अपने पोर्टफोलियो को Diversify करना चाहिए | जबकि Bear market में ऐसे शेयरों का चुनाव करे जो रक्षात्मक है और अभी छूट पर उपलब्ध है|
Bear market में निवेशक खुद को कैसे सुरक्षित रख सकते है?
लंबी अवधि की निवेश रणनीति बनाकर साथ ही अपने पोर्टफोलियो में रक्षात्मक शेयरों में निवेश करके निवेशक Bear market में खुद को सुरक्षित रख सकते है| और अगर मार्केट में गिरावट जारी रहती है तो अपने नुकसान को सिमित करने के लिए वह Stop-Loss आर्डर का प्रयोग भी कर सकते है|
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